tag:blogger.com,1999:blog-2283537905508347887.post5823446386089595772..comments2024-03-27T12:30:05.562+05:30Comments on Poorvabhas: माँ, तुझे प्रणाम! — अवनीश सिंह चौहानअवनीश सिंह चौहान / Abnish Singh Chauhanhttp://www.blogger.com/profile/05755723198541317113noreply@blogger.comBlogger1125tag:blogger.com,1999:blog-2283537905508347887.post-21674545597605601452022-01-03T10:40:59.262+05:302022-01-03T10:40:59.262+05:30अवनीश सिंह चौहान के लिए
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दिखने में जो शांतप्र...अवनीश सिंह चौहान के लिए <br />... <br />दिखने में जो शांतप्रिय, सद् विचार के कोष। <br />बातचीत-संवाद में, करते सच का घोष।।<br />मुखमंडल जैसे अभी, अभी खिला हो प्रात।<br />कहने को अवनीश हैं, संतों-सा संतोष।। <br /><br />- वीरेंद्र आस्तिक<br />कानपुर, उत्तर प्रदेश Virendra Astikhttp://va.comnoreply@blogger.com