tag:blogger.com,1999:blog-2283537905508347887.post6740990879216275416..comments2024-03-27T12:30:05.562+05:30Comments on Poorvabhas: सम्मान - वेदप्रकाश 'अमिताभ'अवनीश सिंह चौहान / Abnish Singh Chauhanhttp://www.blogger.com/profile/05755723198541317113noreply@blogger.comBlogger2125tag:blogger.com,1999:blog-2283537905508347887.post-75333788671493053952012-08-01T16:35:54.815+05:302012-08-01T16:35:54.815+05:30हिंदी के औसत लेखक की स्थिति और नियति यही है !उसके ...हिंदी के औसत लेखक की स्थिति और नियति यही है !उसके परिश्रम का सारा प्रतिफल प्रकाशकों को मिल रहा है जो दिनोंदिन अमीर हो रहे हैं और लेखक स्वयं फटेहाली में जीने के लिए अभिशप्त है.समर्थ लोग भी इस स्थिति के प्रति उदासीन बने हुए हैं.gazalkamalhttps://www.blogger.com/profile/09022657505979983438noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2283537905508347887.post-23837957801408870462012-08-01T10:15:05.641+05:302012-08-01T10:15:05.641+05:30मेरे लिय इसको पढ़ कर कुछ लिख कर कह पाना मुश्किल है ...मेरे लिय इसको पढ़ कर कुछ लिख कर कह पाना मुश्किल है ,फिर भी प्रभाव इतना तीष्ण है की मैं वंदना करती हूँ आदरणीय डॉ. वेदप्रकाश 'अमिताभ' जी के लेखन की , ये त्रासदी है हर लेखक की कि लिख कर सिवाय आत्म संतुस्ती के उसे इस समाज से कुछ नहीं मिलता....archana thakurअर्चना ठाकुर https://www.blogger.com/profile/01920983722955739923noreply@blogger.com