tag:blogger.com,1999:blog-2283537905508347887.post7163757822144924292..comments2024-03-27T12:30:05.562+05:30Comments on Poorvabhas: पुस्तक चर्चा : 'समकालीन गीत और वीरेन्द्र आस्तिक' — अवनीश सिंह चौहान अवनीश सिंह चौहान / Abnish Singh Chauhanhttp://www.blogger.com/profile/05755723198541317113noreply@blogger.comBlogger2125tag:blogger.com,1999:blog-2283537905508347887.post-11329644758476778062022-10-15T18:15:08.794+05:302022-10-15T18:15:08.794+05:30यह पुस्तक प्रकाशन से मँगा लिया है और पठन जारी है। ...यह पुस्तक प्रकाशन से मँगा लिया है और पठन जारी है। संग्रहणीय और पठनीय। अशेष बधाई। <br /><br />शिवानन्द सिंह 'सहयोगी'<br /> मेरठ Anonymousnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2283537905508347887.post-16321907045361862372022-10-15T17:09:12.566+05:302022-10-15T17:09:12.566+05:30बहुत- बहुत स्वागत इस महत्वपूर्ण कृति का। इस हेतु आ...बहुत- बहुत स्वागत इस महत्वपूर्ण कृति का। इस हेतु आदरणीय वीरेंद्र आस्तिक जी एवं आदरणीय कृष्ण गोपाल मिश्र जी को मेरी हार्दिक बधाई। निश्चित रूप से ये बहुत उल्लेखनीय और आवश्यक कार्य हुआ है। आ कृष्ण गोपाल मिश्र जी की समीक्षकीय प्रतिभा से हम सभी परिचित हैं, इससे पूर्व उन्होंने नवगीतकार विनोद निगम पर आलोचनात्मक पुस्तक लिखी है। मिश्र जी का यह कार्य बहुत प्रशंसनीय और स्वागत योग्य है। Madhu Shuklahttps://www.blogger.com/profile/12085694390885881253noreply@blogger.com