tag:blogger.com,1999:blog-2283537905508347887.post9146000944700218406..comments2024-03-27T12:30:05.562+05:30Comments on Poorvabhas: सहजगीत : रागवेशित आवेग का सहज संप्रेषण — आनंद कुमार 'गौरव'अवनीश सिंह चौहान / Abnish Singh Chauhanhttp://www.blogger.com/profile/05755723198541317113noreply@blogger.comBlogger2125tag:blogger.com,1999:blog-2283537905508347887.post-59874151947482697832014-11-21T18:41:08.212+05:302014-11-21T18:41:08.212+05:30अभी कुछ दिन पूर्व मुरादाबाद में आयोजित एक समारोह म...अभी कुछ दिन पूर्व मुरादाबाद में आयोजित एक समारोह में आनन्द गौरव से न केवल मुलाकात हुई अपितु अवनीश सिंह चौहान के बारे में भी चर्चा हुई। <br />आज संयोग से इण्टरनेट पर सर्च करते हुए यह लिंक मिला। मेरे विचार से यह भी कोई परमात्मा की ही योजना रही होगी जो उसने पुराने तार पुनः जोड़ दिए KRANT M.L.Vermahttps://www.blogger.com/profile/16522523292171432524noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2283537905508347887.post-79773221753227725702011-03-03T10:37:47.397+05:302011-03-03T10:37:47.397+05:30आनद गौरव जी को अखवारों में पढ़ा है समाचारों के जरिय...आनद गौरव जी को अखवारों में पढ़ा है समाचारों के जरिये. सहज गीत पर आपने अच्छा लिखा है. अवनीश जी की टिप्पणी भी सुन्दर है. आप दोनों को बधाई.shraddhahttps://www.blogger.com/profile/06549149382669271935noreply@blogger.com