tag:blogger.com,1999:blog-2283537905508347887.post1341304684962525467..comments2024-03-27T12:30:05.562+05:30Comments on Poorvabhas: गीति काव्य में वसंत की अनुभूति और उसका सौंदर्य- समीर श्रीवास्तवअवनीश सिंह चौहान / Abnish Singh Chauhanhttp://www.blogger.com/profile/05755723198541317113noreply@blogger.comBlogger17125tag:blogger.com,1999:blog-2283537905508347887.post-74685739598273358072018-02-13T17:34:20.004+05:302018-02-13T17:34:20.004+05:30sadar dhanywad, Adarniya Raja Awasthi jisadar dhanywad, Adarniya Raja Awasthi jiAnonymoushttps://www.blogger.com/profile/07489183827114062018noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2283537905508347887.post-10274178226400819602017-03-16T15:39:21.515+05:302017-03-16T15:39:21.515+05:30बहुत गहन अध्ययन और पारखी दृष्टि का ही परिचय नही कर...बहुत गहन अध्ययन और पारखी दृष्टि का ही परिचय नही कराता यह आलेख, बल्कि लेखक -सम्पादक श्री समीर श्रीवास्तव जी की अपूर्व रस मर्मज्ञता के भी दर्शन कराता है । बाहर प्रकृति में बिखरा बसंत हम अपने भीतर न भी आने दें, किन्तु यह आलेख पढ़ते हुए पूरा का पूरा बसंत भीतर उतर आता है । <br />यह आलेख अब तक लिखे गए आलेखों से इस मायने में भी अलग है कि यहाँ अपने समय के रचनाकारों की चर्चा की गई है, यानी अपने समय की नब्ज को टटोलते हुए भी बसंत का वर्णन है । इस आलेख को पढ़ते हुए बसंत पर केन्द्रित श्रेष्ठ गीत संकलन पढने का भी आनन्द आता है । लेखक आदरणीय समीर जी को हार्दिक बधाई इस सुन्दर आलेख के लिए । <br />भाई अवनीश जी को साधुवाद । वे तो रत्नों के पारखी हैं, चुन-चुनकर हीरे लाते है । लाते रहिए । समीर जी के और भी आलेख पढ़वायें, अच्छा लगेगा । <br />राजा अवस्थी, कटनी RAJA AWASTHIhttps://www.blogger.com/profile/07172842845350029321noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2283537905508347887.post-62679869463195979432017-03-14T14:48:32.932+05:302017-03-14T14:48:32.932+05:30आदरणीय किसलय जी धन्यवादआदरणीय किसलय जी धन्यवादAnonymoushttps://www.blogger.com/profile/07489183827114062018noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2283537905508347887.post-1550949982482783622017-03-14T11:47:41.370+05:302017-03-14T11:47:41.370+05:30काव्य में वसंत का चित्रण न हो यह असंभव है।
समीर जी...काव्य में वसंत का चित्रण न हो यह असंभव है।<br />समीर जी ने उत्कृष्ट आलेख लिखा है।<br />- किसलयविजय तिवारी " किसलय "https://www.blogger.com/profile/14892334297524350346noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2283537905508347887.post-36560189234741486382014-02-05T08:56:35.150+05:302014-02-05T08:56:35.150+05:30रचनात्मक सौन्दर्य को उद्घाटित करता हुआ आलेख स्वयं ...रचनात्मक सौन्दर्य को उद्घाटित करता हुआ आलेख स्वयं में एक रचना है। — महेंद्रभटनागर / 0751-4092908 / ई-मेल drmahendra02@gmail.comDr. Mahendra Bhatnagarhttps://www.blogger.com/profile/08725713213647179128noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2283537905508347887.post-55433874637043606872013-02-26T11:29:06.678+05:302013-02-26T11:29:06.678+05:30बहुत शुक्रिया आपकाबहुत शुक्रिया आपकाSameer.Shrivastavahttps://www.blogger.com/profile/02843056794350776678noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2283537905508347887.post-87879094551869092462013-02-16T15:56:06.128+05:302013-02-16T15:56:06.128+05:30इस टिप्पणी को लेखक द्वारा हटा दिया गया है.Sameer.Shrivastavahttps://www.blogger.com/profile/02843056794350776678noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2283537905508347887.post-16909037934963245582013-02-15T09:33:37.350+05:302013-02-15T09:33:37.350+05:30वसंत पर नवगीतों के अंश देकर लिखा गया समीर श्रीवास्...वसंत पर नवगीतों के अंश देकर लिखा गया समीर श्रीवास्तव का यह लेख पबहुत अच्छा लगा, हिन्दी गीतों और नवगीतों में वसंत को अनेक दृष्टियों से रचनाकारों ने देखा, महसूसा और रचनाओं में प्रस्तुत किया है, समीर जी ने बहुत सुन्दर उद्धरण खोज कर इस लेख को रचा है, वधाई, अवनीश चौहान को भी वधाई वसंत पंचमी पर लेख प्रकाशित करने के लिये। डॅा. व्योमhttps://www.blogger.com/profile/10667912738409199754noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2283537905508347887.post-69197414564766845062013-02-14T10:55:17.496+05:302013-02-14T10:55:17.496+05:30बहुत बहुत शुक्रिया दिलबाग विर्क जीबहुत बहुत शुक्रिया दिलबाग विर्क जीSameer.Shrivastavahttps://www.blogger.com/profile/02843056794350776678noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2283537905508347887.post-57481300114675122602013-02-14T10:54:48.320+05:302013-02-14T10:54:48.320+05:30बहुत बहुत शुक्रिया अर्चना ठाकुर जीबहुत बहुत शुक्रिया अर्चना ठाकुर जीSameer.Shrivastavahttps://www.blogger.com/profile/02843056794350776678noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2283537905508347887.post-44129092485531907392013-02-14T10:51:34.716+05:302013-02-14T10:51:34.716+05:30इस टिप्पणी को लेखक द्वारा हटा दिया गया है.Sameer.Shrivastavahttps://www.blogger.com/profile/02843056794350776678noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2283537905508347887.post-14485351092184203752013-02-13T23:10:25.619+05:302013-02-13T23:10:25.619+05:30बहुत ही सुंदर प्रस्तुति...बहुत ही सुंदर प्रस्तुति...अर्चना ठाकुर https://www.blogger.com/profile/01920983722955739923noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2283537905508347887.post-61038923541367093552013-02-13T16:08:07.932+05:302013-02-13T16:08:07.932+05:30प्रिय अवनीश जी
मेरे आलेख को आपने अपनी प्रतिष्ठित प...प्रिय अवनीश जी<br />मेरे आलेख को आपने अपनी प्रतिष्ठित पत्रिका 'पूर्वाभास' में स्थान दिया. इसके लिए आपका बहुत बहुत शुक्रिया...आभार...धन्यवाद.<br />मै अभिभूत हूँ.Sameer.Shrivastavahttps://www.blogger.com/profile/02843056794350776678noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2283537905508347887.post-59017799137418048082013-02-13T15:47:07.557+05:302013-02-13T15:47:07.557+05:30भावना तिवारी जी बहुत बहुत शुक्रिया आपकाभावना तिवारी जी बहुत बहुत शुक्रिया आपकाSameer.Shrivastavahttps://www.blogger.com/profile/02843056794350776678noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2283537905508347887.post-29675895835834151182013-02-13T15:46:02.397+05:302013-02-13T15:46:02.397+05:30लक्ष्मण लडीवाला जी बहुत बहुत शुक्रिया आपकालक्ष्मण लडीवाला जी बहुत बहुत शुक्रिया आपकाSameer.Shrivastavahttps://www.blogger.com/profile/02843056794350776678noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2283537905508347887.post-66373969611104258842013-02-13T12:39:10.075+05:302013-02-13T12:39:10.075+05:30MAN BHAVAN LEKH ..BAHUT PRRETIKAR LAGAA ...BADHAI ...MAN BHAVAN LEKH ..BAHUT PRRETIKAR LAGAA ...BADHAI PRAKASHIT KARNE KE LIYE AUR RACHNAKAAR KO ...!!Anonymoushttps://www.blogger.com/profile/16376613957632735653noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2283537905508347887.post-70435121761206945862013-02-13T11:15:14.066+05:302013-02-13T11:15:14.066+05:30धन्यवाद अवनीश सिंह चौहान जी और समीर श्रीवास्तवजी
...धन्यवाद अवनीश सिंह चौहान जी और समीर श्रीवास्तवजी <br />ऋतुराज बसंत पर मधुर काव्य रस की मधुर अनुभूति हुई -<br />ऋतु बसंत का आगमन,खुशियों का उन्माद,<br />खुशबु है मन भावन सी,मधुर-मधुर सा स्वाद।- लक्ष्मण लडीवाला लक्ष्मण रामानुज लडीवाला https://www.blogger.com/profile/08701139482733584024noreply@blogger.com