tag:blogger.com,1999:blog-2283537905508347887.post3334049348574606600..comments2024-03-27T12:30:05.562+05:30Comments on Poorvabhas: वीरेंद्र आस्तिक और उनके चार नवगीत — अवनीश सिंह चौहानअवनीश सिंह चौहान / Abnish Singh Chauhanhttp://www.blogger.com/profile/05755723198541317113noreply@blogger.comBlogger3125tag:blogger.com,1999:blog-2283537905508347887.post-79345646891177508452011-04-14T23:03:00.514+05:302011-04-14T23:03:00.514+05:30वीरेंद्र आस्तिक जी के नवगीतों का रसास्वादन कराने क...वीरेंद्र आस्तिक जी के नवगीतों का रसास्वादन कराने के लिए आभार...Dr Varsha Singhhttps://www.blogger.com/profile/02967891150285828074noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2283537905508347887.post-23500543620903538962011-04-13T11:10:13.165+05:302011-04-13T11:10:13.165+05:30नवगीत विधा में वीरेंद्र आस्तिक मील के पत्थर की भां...नवगीत विधा में वीरेंद्र आस्तिक मील के पत्थर की भांति हैं... <br />आपके द्वारा प्रस्तुत उनके ये सभी नवगीत बहुत सुन्दर और भावपूर्ण हैं।<br /><br />अबनीश जी, इस तरह आप नवगीत विधा की प्रशंसनीय सेवा कर रहे हैं। <br />आपको हार्दिक बधाई।Dr (Miss) Sharad Singhhttps://www.blogger.com/profile/00238358286364572931noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2283537905508347887.post-1525291767544040332011-04-12T22:33:00.495+05:302011-04-12T22:33:00.495+05:30वीरेंद्र आस्तिक जी की चारों ही रचनाएँ बहुत अच्छी ह...वीरेंद्र आस्तिक जी की चारों ही रचनाएँ बहुत अच्छी हैं और अवनीश जी आपका चयन...आभारसंध्या शर्माhttps://www.blogger.com/profile/06398860525249236121noreply@blogger.com