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मंगलवार, 25 फ़रवरी 2014

साहित्य समीर दस्तक का वार्षिक सम्मान समारोह एवं विशेषांक लोकार्पित

'साहित्य समीर दस्तक' का माँ पर केंद्रित विशेषांक लोकार्पित करते 
समीर श्रीवास्तव, अवनीश सिंह चौहान, बटुक चतुर्वेदी, मूलाराम जोशी, 
कीर्ति श्रीवास्तव, मयंक श्रीवास्तव, सुरजीतमान जलईया सिंह

निर्मल चन्द निर्मल को सम्मानित करते साहित्यकार 
भोपाल। साहित्य समीर दस्तक का वार्षिक सम्मान समारोह एवं पत्रिका के 'माँ' पर केन्द्रित विशेष अंक का लोकार्पण समारोह 21 फरवरी 2014 को दुष्यंत कुमार पाण्डुलिपि संग्रहालय में हुआ।

इस अवसर पर युवा लेखक समीर श्रीवास्तव द्वारा अपनी माँ की स्मॄति में वरिष्ठ गीतकार निर्मल चन्द निर्मल (सागर) को मोहिनी श्रीवास्तव स्मृति सुदीर्घ साहित्य साधना सम्मान एवं साहित्यप्रेमी शशांक शेखर द्वारा अपने पिता की स्मृति में युवा रचनाकार चित्रांश वाघमारे (भोपाल) को कमल नयन शुक्ला स्मृति युवा साहित्यकार सम्मान प्रदान किया गया। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि मूलाराम जोशी तथा अध्यक्षता बटुक चतुर्वेदी ने की। इटावा के गीतकार अवनीश सिंह चौहान एवं आगरा के युवा कवि सुरजीतमान जलईया सिंह  विशेष रूप से उपस्थित रहे। अपने उद्बोधन में बटुक चतुर्वेदी एवं मूलाराम जोशी ने साहित्य समीर द्वारा निर्मल चन्द निर्मल और चित्रांश बाघमारे को सम्मानित किये जाने और पत्रिका के कुशल सम्पादन हेतु संपादक मंडल को बधाई एवं शुभकामनाएं दीं।

 

चित्रांश वाघमारे को सम्मानित करते साहित्यकार 


वक्तव्य देते वरिष्ठ साहित्यकार मयंक श्रीवास्तव जी 





अपनी माँ को पुष्प अर्पित करते समीर श्रीवास्तव 


वक्तव्य देते सुरजीतमान जलईया सिंह


तत्पश्चात मासिक पत्रिका 'साहित्य समीर दस्तक' का माँ पर केंद्रित बहुप्रतीक्षित विशेषांक का लोकार्पण बटुक चतुर्वेदी, मूलाराम जोशी, मयंक श्रीवास्तव, कीर्ति श्रीवास्तव, समीर श्रीवास्तव, अवनीश सिंह चौहान, सुरजीतमान जलईया सिंह द्वारा किया गया। इस विशेषांक में 108 रचनाकारों की रचनाएं सम्मलित की गयीं हैं। युवा लेखक समीर श्रीवास्तव ने साहित्य समीर की भूमिका पर प्रकाश डालते हुए कहा कि हमारा प्रयास रहेगा कि पत्रिका की निरंतरता बनी रहे और पद्य के साथ गद्य को भी समान रूप से प्रकाशित किया जा सके। युवा साहित्यकार अवनीश सिंह चौहान ने माँ विशेषांक के प्रकाशन और उसके प्रयोजन को रेखांकित करते हुए इसका अतिथि सम्पादक बनाये जाने के लिए मयंक श्रीवास्तव जी एवं समीर श्रीवास्तव जी का आभार व्यक्त किया। आगरा के युवा कवि सुरजीत मान जलईया सिंह ने अपने गीतों के माध्यम से माँ के महत्व को बतलाया। वरिष्ठ कवि राधेलाल बिजघावने, शिवकुमार अर्चन एवं श्याम बिहारी सक्सेना ने साहित्य समीर दस्तक पर समीक्षात्मक वक्तव्य दिया। संपादक कीर्ति श्रीवास्तव ने आभार व्यक्त किया। 

(साहित्य समीर दस्तक : माँ विशेषांक, प्रेरक एवं परामर्श : समीर श्रीवास्तव, प्रधान सम्पादक : मयंक श्रीवास्तव, सम्पादक : कीर्ति श्रीवास्तव, सहायक संपादक : सुरजीतमान जलईया सिंह एवं अतिथि सम्पादक : अवनीश सिंह चौहान, फरवरी 2014, पृष्ठ 54,  ई-मेल : sahityasameer25@gmail.com)

'साहित्य समीर दस्तक : माँ विशेषांक' पढने के लिए यहाँ क्लिक कर सकते हैं :
2. https://docs.google.com/file/d/0B7TsPAk2TPdpYWs4Rmhjc2l3eTQ/edit?usp=sharing&pli=1

Sahitya Sameer Dastak, Feb 2014, Bhopal, M.P.

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