पूर्वाभास (www.poorvabhas.in) पर आपका हार्दिक स्वागत है। 11 अक्टूबर 2010 को वरद चतुर्थी/ ललित पंचमी की पावन तिथि पर साहित्य, कला एवं संस्कृति की पत्रिका— पूर्वाभास की यात्रा इंटरनेट पर प्रारम्भ हुई थी। 2012 में पूर्वाभास को मिशीगन-अमेरिका स्थित 'द थिंक क्लब' द्वारा 'बुक ऑफ़ द यीअर अवार्ड' प्रदान किया गया। इस हेतु सुधी पाठकों और साथी रचनाकारों का ह्रदय से आभार।

लेखकों के लिए


'पूर्वाभास' (www.poorvabhas.in), जोकि हिंदी में प्रकाशित होने वाली एक ऑनलाइन (Online), पूर्व समीक्षित/ पियर-रिव्यूड (Peer-reviewed), रचनात्मक लेखन (Creative Writings) एवं शोध (Research) पत्रिका है, सभी लेखकों व शोधार्थियों को अपनी रचनाएँ प्रकाशन हेतु भेजने के लिए आमन्त्रित करता है। अपनी रचनाएँ हमें भेजते हुए निम्नलिखित नियमों का ध्यान रखें—
  • रचनाएँ यूनिकोड में टाईप हुई होनी चाहिएँ। पीडीएफ़ बिल्कुल मत भेजें। 
  • रचनाएँ माइक्रोसॉफ़्ट के वर्ड फ़ॉर्मैट (.doc, .docx) में भेजें। (माइक्रोसॉफ्ट वर्ड निःशुल्क प्रोग्राम है)।
  • रचनओं को भेजने से पहले एक बार पढ़कर गलतियाँ सुधार लें। बहुत अधिक गलतियों वाली रचनाओं को डिलीट कर दिया जाएगा। रचना की एक प्रति अपने पास अवश्य रखें।
  • शोध आलेख की संदर्भ सूची की ओर विशेष ध्यान दें।
  • 'पूर्वाभास' में रचनाओं की गिनती आदि की कोई सीमा नहीं है। एक बार में आप जितनी चाहें, उतनी रचनाएँ भेज सकते हैं। परन्तु, इसका अर्थ यह नहीं कि सभी रचनाएँ एक अंक में ही प्रकाशित हो जाएँगी। आपकी रचनाओं को यथासम्भव सुरक्षित रखा जाएगा और धीरे-धीरे प्रकाशित किया जा सकता है।
  • आपकी रचना साहित्य, कला एवं संस्कृति की किसी भी विधा से संबंधित हो सकती है। सभी का स्वागत है। आलेख राजनैतिक व धार्मिक भी हो सकते हैं, परन्तु कृपया आपत्तिजनक और विवादस्पद विषयों से दूर रहें, तो अच्छा है। इस पत्रिका का उद्देश्य हिन्दी जगत में साहित्य, कला एवं संस्कृति के सेतु रूप में कार्य करना है, इसलिए रचनाओं के प्रकाशन का अन्तिम निर्णय 'पूर्वाभास' का ही होगा और इसके विषय में पत्र-व्यवहार नहीं किया जाएगा।
  • रचना की शब्दों की कोई सीमा नहीं है। बहुत लम्बी रचना होने पर उसे भागों में बाँट कर धारावाहिक रूप में ही प्रकाशित किया जाएगा।
  • किसी रचना के प्रकाशन से पूर्व लेखक को सूचित करना सदा सम्भव नहीं होता। इसलिए 'पूर्वाभास' को नियमित रूप से पढ़ते रहें।
  • 'पूर्वाभास' एक लाभ निरपेक्ष पत्रिका है। इसमें प्रकाशित रचनाओं के लिए न तो कोई राशि ली जाती है और न दी जाती है।
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