पूर्वाभास (www.poorvabhas.in) पर आपका हार्दिक स्वागत है। 11 अक्टूबर 2010 को वरद चतुर्थी/ ललित पंचमी की पावन तिथि पर साहित्य, कला एवं संस्कृति की पत्रिका— पूर्वाभास की यात्रा इंटरनेट पर प्रारम्भ हुई थी। 2012 में पूर्वाभास को मिशीगन-अमेरिका स्थित 'द थिंक क्लब' द्वारा 'बुक ऑफ़ द यीअर अवार्ड' प्रदान किया गया। इस हेतु सुधी पाठकों और साथी रचनाकारों का ह्रदय से आभार।

रविवार, 7 दिसंबर 2014

जितेन्द्र कुमार 'जौली' और उनके दोहे — अवनीश सिंह चौहान

जितेन्द्र कुमार जौली 

मुरादाबाद में युवा साहित्यकारों में एक नाम बड़ी तेजी से उभरा है- जितेन्द्र कुमार 'जौली'। सहज एवं सौम्य जितेन्द्र जौली का जन्म 14 सितम्बर, 1987 को ठाकुरद्वारा, मुरादाबाद (उ.प्र.) में हुआ। शिक्षा : बी.बी.ए, बी.एड., एम.कॉम., एम.एड., डिप्लोमा इन कम्प्यूटर एप्लीकेशन, सीटीईटी, यूपीटीईटी। लेखन की विधाएँ : हास्य कविताएँ, मुक्तक, व्यंग्य, कुण्डलिया, दोहे, पत्र-लेखन, गीत। आप वेब पत्रिका 'साहित्य मुरादाबाद' के संपादक हैं। प्रकाशन : कई पत्र-पत्रिकाओं में कविताएं प्रकाशित होने के साथ अमर उजाला, हिन्दुस्तान एवं दैनिक जागरण (मुरादाबाद) में पांच दर्जन से अधिक पत्र प्रकाशित। सम्मान : राष्ट्रभाषा हिन्दी प्रचार समिति द्वारा सारस्वत सम्मान, दैनिक जागरण मुरादाबाद द्वारा काव्य पाठ प्रतियोगिता में सम्मानित। फिल्मी सफर (वीसीडी) : यारा ढोल बजाके में लेखन एवं अभिनय, इंसाफ की आवाज- गीतकार, डम डमाडम डमरू वाले में नृत्य प्रस्तुत किया। संपर्क : कार्यालय - गांगन सेवा समिति, अम्बेडकर नगर, दिल्ली रोड, गांगन का पुल, मुरादाबाद - 244001 (उ.प्र.)। मोब : 0935885432, 09457576543

चित्र गूगल सर्च इंजन से साभार 
1.
छात्र आज नेता बने, मचा रहे उत्पात।
कैसे हो काबू भला, बेकाबू हालात।।

2.
इनकी हालत देख के, होता हमको कष्ट।
थाने चौकी अब हुए, सबसे ज्यादा भ्रष्ट।

3.
जब थाने के सामने, घर में घुसे दबंग।
पुलिस खड़ी यूं देखती, रहकर सदा अपंग।।

4.
यूं ही चूसा जा रहा, हम लोगो का खून।
दागी संसद में घुसे, बना रहे कानून।।

5.
रिश्वत के इस जाल में फँसा पड़ा है मुल्क।
रिश्वतखोरी बन गया, अब तो सुविधा शुल्क।।

6.
जिनसे कुछ आता नही, बनते हैं उस्ताद।
बात-बात पर हर कहीं, करते फिरें विवाद।।

7.
हम लोगों के साथ में, होता है नित खेल।
जो हक की खातिर लड़े, वही गये हैं जेल।।

8.
छोटों को अवसर मिले, रखलें अपना पक्ष।
इक छोटे से बीज से, बन जाता है वृक्ष।।

9.
बेकारी के दौर में, पढ़ा-लिखा पछताय।
अब तो अनपढ़ आदमी, इन्टरनेट चलाय॥

10.
जो अच्छा इंसान है, आता सबके काम।
वो ही मेरा कृष्ण है, वो ही मेरा राम॥

11.
हिंसा करनी छोड़ दे, कर तू सबसे प्यार।
बातों से है जो मरे, लात उसे मत मार॥

12.
तुम अपने माँ-बाप का, करो सदा सम्मान।
इनमें ही बसते सदा, दुनिया के भगवान॥

टीईटी पर कुछ दोहे :

13.
यूपी मे जबसे चली, हवा बड़ी ये सर्द।
टी ई टी ने कर दिया, सबके सिर में दर्द॥

14.
टी ई टी कानून की, पड़ी कई पर मार।
हाईकोर्ट दिखा दिया, इसने हमको यार॥

15.
जो शिक्षण के काम को, समझ रहे थे खेल।
टी ई टी मे हो गये, अच्छे-अच्छे फेल॥

16.
नित नये हैं दिख रहे, इसमे सबको खोट।
टी ई टी पर हो गये, खर्च बहुत ही नोट॥

17.
टी ई टी उपहार है, टी ई टी वरदान।
कठिन परिश्रम जो करे, देती उसको मान।

Couplets of Jitendra Kumar Jolly

1 टिप्पणी:

  1. इतने कम उम्र में ढेरों उपलब्धियाँ !!

    बहुत अच्छा लगा जितेन्द्र जी के बारे में पढ़ कर, बहुत बहुत शुभकामनाएँ आप को

    जवाब देंहटाएं

आपकी प्रतिक्रियाएँ हमारा संबल: