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शनिवार, 1 मार्च 2014

जगदीश व्योम और ओम धीरज को निराला सम्मान 2014



रायबरेली : निराला स्मृति संस्थान, डलमऊ (रायबरेली) की ओर से शुक्रवार 21 फरवरी 2014 को महाप्राण सूर्यकांत त्रिपाठी ‘निराला’ की जयंती पर सम्मान समारोह आयोजित हुआ। साहित्यकार डॉ. जगदीश व्योम (दिल्ली) और ओम धीरज (रायबरेली) को निराला सम्मान से सम्मानित किया गया। इसके अलावा रहमान अली को मुल्ला दाउद सम्मान से सम्मानित किया गया एवं डा० मिथिलेश दीक्षित को मनोहरा देवी स्मृति सम्मान दिया गया। इस अवसर पर पर डॉ मिथिलेश दीक्षित समारोह में उपस्थित नहीं हो सकीं। 

समारोह के मुख्य अतिथि पूर्व आई.जी. शैलेंद्र प्रताप सिंह ने कवि निराला के साहित्यिक जीवन पर प्रकाश डालते हुए कहा कि उन्होंने समाज के हित में कई कविताएं लिखीं। साहित्यकार समाज के सच्चे हितैषी होते हैं। उनमें से कवि निराला एक हैं। उनकी कविताएं समाज में व्याप्त कुरीतियों पर करारा प्रहार करती हैं। 
डॉ जगदीश व्योम को सम्मानित करते वरिष्ठ साहित्यकार 

नवगीतकार और हाइकुकार डा० जगदीश व्योम ने अपना एक नवगीत पढ़ते हुये कहा कि निराला ने मानवीय मूल्यों की जिस थाती को कठिन संघर्ष करते हुये बचाकर रखा, उसे सँभाल कर रखना आज के साहित्यकारों का दायित्व है, निराला स्मृति संस्थान के आयोजक जिस विनम्रता और सेवाभाव से यह समारोह आयोजित करते हैं उसकी मिसाल और जगह कम ही मिल पाती है। 

वरिष्ठ साहित्यकार ओम धीरज ने चयन समिति का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि निराला जी अपने आप में अद्वितीय रचनाकार थे। 

विशिष्ट अतिथि के.के. चौधरी, एडी.एम. फतेहपुर ने कहा कि निराला की कविताएं भावपूर्ण और क्रांतिकारी थीं। आज के कवियों को उनसे प्रेरणा लेनी चाहिए। उनकी साफ-सुथरी साहित्यिक शैली ने सभी को अपना प्रशंसक बनाया।

निराला संस्थान के संस्थापक राजाराम भारतीय ने कहा कि कवि निराला समाज के अच्छे मार्गदर्शक थे। कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए सुप्रसिद्ध साहित्यकार डॉ. ओमप्रकाश सिंह ने कहा कि निराला ने सदैव समाज के हित में कार्य किया है।

इस दौरान रामनिवास पंथी की पत्रिका महाप्राण : अपना राज बिराज का विमोचन हुआ। संचालन जय चक्रवर्ती ने किया। इससे पहले संस्थापक राजाराम भारतीय, नगर पंचायत चेयरमैन कंचन श्रीवास्तव, शैलेन्द्र प्रताप सिंह ने कस्बे के पथवारी गंगा घाट पर निराला की पत्नी मनोहरा देवी की स्मृति में उनकी प्रतिमा स्थापित की। इस मौके पर सूर्य प्रसाद शर्मा, दुर्गाशंकर वर्मा, सूबेदार वाजपेयी, महावीर सिंह मौजूद रहे।

Nirala Samman 2014, Raibareli

3 टिप्‍पणियां:

  1. जगदीश व्योम जी को निराला सम्मान
    साहित्य जगत में सच्चे साधकों की पहचान का प्रमाण है।
    चयन समिति बधाई की पात्र है।
    व्योम जी को हार्दिक बधाई।
    डॉ राजीव राज

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