लालगंज (रायबरेली): रविवार: 15 जुलाई 2018: बैसवारा इंटर कालेज के सभागार में कव्यालोक साहित्यिक एवं सांस्कृतिक संस्था ने सुप्रसिद्ध गीतकार रहे डॉ शिवबहादुर सिंह भदौरिया की जयंती पर साहित्यकार सम्मान समारोह का भव्य आयोजन किया, जिसमें एक दर्जन से अधिक कवियों और साहित्यकारों को सुप्रसिद्ध साहित्यकारों के नाम का स्मृतिपत्र समेत अंगवस्त्र एवं मोमेंटो देकर सम्मानित किया गया।

कार्यक्रम में मौजूद श्रद्धेय स्वामी भाष्करस्वरूप जी महाराज, संस्था के अध्यक्ष प्रतिष्ठित शिक्षाविद डॉ महादेव सिंह, संस्था के महामंत्री प्रतिष्ठित साहित्यकार डॉ विनय भदौरिया आदि ने स्व भदौरिया के व्यक्तित्व एवं कृतित्व पर प्रकाश डाला और उनकी पावन स्मृतियों को श्रद्धापूर्वक नमन किया। वरिष्ठ लेखक-पत्रकार श्री नरेंद्र भदौरिया ने कहा कि स्व भदौरिया का साहित्यिक अवदान श्लाघनीय है। शायद तभी उनके गीत सुनकर आज भी ऐसा लगता है जैसे कोई हमारे दिल की बात कह रहा हो। प्रधानाचार्य रामप्रताप सिंह ने कहा कि डॉ भदौरिया की कविताओं में आक्रोश भी बड़े सहज ढंग से प्रस्तुत हुआ है; यह कविताओं के माध्यम से उनके कहने का सलीका और साहस ही था कि उन्होंने लिखा कि 'ना काबिल पैताने के, बैठे हैं सिरहाने लोग।'
वरिष्ठ साहित्यकार डॉ ओमप्रकाश अवस्थी ने कहा कि डॉ भदौरिया एक अप्रतिम शब्द-शिल्पी थे। वरिष्ठ साहित्यकार श्री नचिकेता ने बताया कि कुव्यवस्था और अनाचार के विरुद्ध डॉ साहब ने कविता के माध्यम से जो भी लिखा है वह भावक को सहजरूप से प्रेरित करने में समर्थ है। श्री शैलेन्द्र सिंह चौहान ने कहा कि 'पुरवा जो डोल गयी' और 'नदी का बहना मुझमें हो' ने स्व भदौरिया जी को अंतरराष्ट्रीय फलक पर पहचान दिलाने का काम किया है। डॉ अवनीश सिंह चौहान ने जाने-माने नवगीतकार एवं नये-पुराने पत्रिका के यशस्वी संपादक स्व दिनेश सिंह के कुछ रोचक संस्मरणों को श्रोताओं के समक्ष प्रस्तुत करते हुए कहा कि श्रद्धेय डॉ शिव बहादुर सिंह भदौरिया जी दिनेश सिंह जी के गुरुदेव रहे हैं और इस नाते वह मेरे दादा गुरु हुए।
इस अवसर पर 800 से अधिक श्रोताओं से भरे सभागार में सर्वश्री इंद्रेश सिंह भदौरिया, रमाकांत, राजेश सिंह फौजी, डॉ निरंजन राय, मनोज पांडेय, विश्वास बहादुर सिंह, चंद्रप्रकाश पांडेय, वासुदेव सिंह गौढ़ आदि प्रमुख रूप से मौजूद रहे। कार्यक्रम का बेहतरीन संचालन शिक्षक नेता आशीष सिंह सेंगर ने किया।
Dr Shiv Bahadur Singh Bhadauriya Jayanti Samman Samaroh 2018, Lalganj, Raebareli, U.P.
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