भोपाल: 26 फरवरी से 2 मार्च, 2024 तक, यूजीसी तथा आईकेएस डिवीजन (शिक्षा मंत्रालय) के संयुक्त तत्वाधान में केंद्रीय संस्कृत विश्वविद्यालय, भोपाल के सुन्दर परिसर में भारतीय ज्ञान परंपरा (आईकेएस) पर केंद्रित 'मास्टर ट्रेनर्स फैकल्टी ट्रेनिंग प्रोग्राम' (एमटीएफटीपी) का आयोजन किया गया, जिसमें देश के विभिन्न महाविद्यालयों/ विश्वविद्यालयों से चयनित शिक्षकों को अनुभवी विषय विशेषज्ञों द्वारा प्रशिक्षित किया गया। ज्ञात हो कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 में भारतीय ज्ञान परम्परा को विभिन्न स्तरों पर पाठ्यक्रम में शामिल किए जाने की सिफ़ारिशें की गई हैं। इसी उद्देश्य के तहत शिक्षक प्रशिक्षण कार्यक्रम की शृंखला में उक्त आयोजन किया गया।
इस प्रशिक्षण कार्यक्रम के उद्घाटन सत्र में डॉ मंथा श्रीनिवासु (संयुक्त सचिव, यूजीसी), प्रो गंटी एस मूर्ति (राष्ट्रीय समन्वयक, आईकेएस), प्रो रमाकांत पाण्डेय (निदेशक, सीएसयू), श्री अनुराग देशपांडे और श्री एस. श्रीराम (सहायक समन्वयक, आईकेएस) तथा डॉ नीलाभ तिवारी (समन्वयक, सीएसयू) आदि विशेष रूप से उपस्थित रहे। इस अवसर पर प्रो रमाकांत पाण्डेय ने जम्मू और कश्मीर, पंजाब, हिमाचल प्रदेश, हरियाणा, दिल्ली, उत्तर प्रदेश, बिहार, झारखंड, ओडिशा, पश्चिम बंगाल आदि राज्यों से पधारे 100 से अधिक प्रशिक्षुओं का स्वागत किया। अपने बीज वक्तव्य में डॉ. मंथा श्रीनिवासु ने आधुनिक समय में भारतीय ज्ञान परम्परा के महत्व पर प्रकाश डाला।
कार्यक्रम हेतु निर्धारित पंद्रह विशेष सत्रों में— डॉ. मोहन राघवन द्वारा 'एलिमेंट्स ऑफ आईकेएस - 1' और 'एलिमेंट्स ऑफ आईकेएस - 2', डॉ. वी. रामनाथन द्वारा 'केस स्टडी : केमिस्ट्री', डॉ. वी. एन. प्रभाकरन द्वारा 'केस स्टडी : वॉटर मैनेजमेंट', डॉ. पी. राममनोहोर द्वारा 'केस स्टडी : आयुर्वेद', डॉ. वेंकटेश्वर पई द्वारा 'केस स्टडी : मैथमेटिक्स', प्रो गंटी एस. मूर्ति द्वारा 'केस स्टडी : एग्रीकल्चर', डॉ. ओंकार नाथ मोहंती द्वारा 'केस स्टडी : मेटलर्जी', डॉ. एम. जयरमन द्वारा 'तंत्रयुक्ति - 1' और 'तंत्रयुक्ति - 2', डॉ. विजयलक्ष्मी अस्थाना द्वारा 'केस स्टडी : आईपीआर इन आईकेएस', डॉ. हर्ष द्वारा 'केस स्टडी : आर्किटेक्चर', डॉ. आर वेंकट राघवन द्वारा 'ओवरव्यू : फिलॉसफी', डॉ. विनायक रजत भट्ट द्वारा 'केस स्टडी : इकोनॉमिक्स' और डॉ. भरत दाश द्वारा 'केस स्टडी : नीति शास्त्र' पर व्यख्यान दिए गए। तीन सत्रों के उपरांत प्रतिदिन श्री अनुराग देशपांडे और श्री एस. श्रीराम के निर्देशन में 'विचार-मंथन सत्र' आयोजित किये गए। साथ ही एक दिन डॉ. माला रानी, डॉ. सतपाल सिंह एवं श्री अनुराग देशपांडे के नेतृत्व में 'महाकालेश्वर मंदिर (उज्जैन) की सांस्कृतिक यात्रा का आयोजन किया गया, जिसमें प्रशिक्षुओं ने महाकाल कॉरीडोर का भ्रमण कर भरपूर आनंद लिया।
शनिवार की सुबह आयोजित लिखित परीक्षा के बाद समापन सत्र में बरकतुल्लाह विश्वविद्यालय (भोपाल) के कुलपति प्रो. एस. के. जैन, प्रो गंटी एस. मूर्ति, प्रो रमाकांत पाण्डेय, श्री अनुराग देशपांडे ने अपने उद्बोधनों से कार्यक्रम को ऊंचाइयाँ प्रदान कीं। कार्यक्रम के सफल आयोजन में आयोजक टीम के ऊर्जावान और मिलनसार सदस्यों— डॉ. नीलाभ तिवारी, डॉ. प्रताप शास्त्री, डॉ. नरसिम्हुलु और डॉ. नरेश कुमार पाण्डेय की विशेष भूमिका रही। मंच का संचालन डॉ. मंजू सिंह एवं आभार प्रदर्शन डॉ. रजनी वी. जी. द्वारा किया गया।
प्रशिक्षुओं द्वारा दी गयीं प्रतिक्रियाएँ
- "भारतीयता से ओतप्रोत कार्यक्रम" — डॉ. प्रकाश दुबे
- "एक सामयिक और बहुत जरूरी आयोजन" — डॉ. पथिक रॉय
- "मन, शरीर और आत्मा को संस्कारित करता प्रशिक्षण" — डॉ. श्रद्धांजलि सिंह
- "वास्तव में उल्लेखनीय प्रशिक्षण" — डॉ. सतपाल सिंह
- "बुद्धि और विवेक को बढ़ाता एक जरूरी अभियान" — डॉ लुंडुप भूटिया
- "वैचारिक पुल के रूप में कार्यक्रम की महत्ता" — डॉ. शिलादित्य सत्पथी
- "जीवन को ऊर्जस्वित करता कार्यक्रम" — डॉ. विकास कुमार
- " राष्ट्र के उत्थान हेतु एक महत्वपूर्ण पहल" — डॉ. अमितेश कुमार
- "प्रशिक्षुओं में सामाजिक-सांस्कृतिक चेतना लाने में सफल कार्यक्रम" — डॉ. अंजलि यादव
- "गौरवशाली अतीत को गतिशील वर्तमान से जोड़ता संवाद" — डॉ. अवनीश सिंह चौहान
समाचार प्रस्तुति : अवनीश एवं श्रद्धांजलि
Master Trainers’ Faculty Training Program on Indian Knowledge System (IKS), CSU, Bhopal
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