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मंगलवार, 6 अक्तूबर 2015

‘केसरिया सूरज‘: भावों का खूबसूरत गुलदस्ता — प्रियंका चौहान

कृति : केसरिया सूरज (कविता संग्रह)
कवि : विभावसु तिवारी
प्रकाशक : मिलिंद प्रकाशन, हैदराबाद
वर्ष : 2015, मूल्य : रु 250/-, पृष्ठ : 144
संपर्क : vtiwari12@gmail.com


विभावसु तिवारी
वरिष्ठ पत्रकार व लेखक विभावसु तिवारी जी की सद्यः प्रकाशित काव्यकृति ‘केसरिया सूरज‘ जीवन के अनुभवों पर आधारित सारगर्भित रचनाओं का संकलन है। उनका यह संग्रह गूढ़ साहित्यिक काव्य शैली से हट कर रचा गया है, जोकि सहज एवं सरस शब्दों में जन-गण-मन के विविध आयामों को उद्घाटित करता है। उनकी कविताओं में जीवंतता और जिंदादिली हैं, सामाजिक विषमताओं का उद्घाटन है, राजीनीति पर व्यंग्य है, धर्म-अधर्म पर सम्यक दृष्टि है और मन को मोहने वाले बिम्ब हैं। कुल मिलाकर, उनका यह रचनात्मक प्रयास सराहनीय है।

समीक्षक :
डॉ प्रियंका चौहान
चंदपुरा, इटावा, उ.प्र.


Kesariya Sooraj by Vibhavasu Tiwari

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