पूर्वाभास (www.poorvabhas.in) पर आपका हार्दिक स्वागत है। 11 अक्टूबर 2010 को वरद चतुर्थी/ ललित पंचमी की पावन तिथि पर साहित्य, कला एवं संस्कृति की पत्रिका— पूर्वाभास की यात्रा इंटरनेट पर प्रारम्भ हुई थी। 2012 में पूर्वाभास को मिशीगन-अमेरिका स्थित 'द थिंक क्लब' द्वारा 'बुक ऑफ़ द यीअर अवार्ड' प्रदान किया गया। इस हेतु सुधी पाठकों और साथी रचनाकारों का ह्रदय से आभार।

मंगलवार, 8 नवंबर 2016

विनोद कुमार दवे और उनके हाइकु — अवनीश सिंह चौहान

विनोद कुमार दवे

पेशे से अध्यापक युवा रचनाकार विनोद कुमार दवे की रचनाएँ राजस्थान पत्रिका, दैनिक भास्कर, अहा! जिंदगी, कादम्बिनी, बाल भास्कर आदि पत्र-पत्रिकाओं में प्रकाशित हो चुकी हैं। संपर्क: 206, बड़ी ब्रह्मपुरी, मुकाम पोस्ट- भाटून्द, तहसील- बाली, जिला- पाली, राजस्थान-306707, मोबाइल: 9166280718, ईमेल: davevinod14@gmail.com.

गूगल से साभार
1.

अँधेरी राह
बहन दीपिका है
प्रेम की बाती

2.

प्यार बांटती
चिड़िया-सी बहन
घर चहके

3.

सीप-सी आँखें
अश्क मोती है प्रिय
मत बहाना

4.

सहोदरा हो
न हो सगी बहन
रक्षक बनो

5.

घर की शोभा
बेटी और तुलसी
ना मुरझाना

6.

स्त्री की अस्मिता
भाई-दूज या राखी
रिश्ता निभाना

7.

दीपक तले
अंधेरे का विनाश
कोई तो करे

8.

श्रम का है घी
आशा की दीपशिखा
कर्म रोशनी

9.

विनाश आया
मन-मस्तिष्क पर
रावण छाया

10.

स्वामी भक्ति का
माँ सीता रूप बनी
नारी शक्ति का

11.

रीत मिथ्या है
पति परमेश्वर
तो पत्नी क्या है


12.

सीता है मौन
अपनों के भेष में
रावण कौन

13.

ओ नववर्ष
खुशियों का बादल
बन बरसो

14.

भीनी महक
रातरानी फूल-सा
हमारा इश्क़

15.

जागती रातें
सितारों के गाँव में
उदासी बांटे

16.

मत चिल्लाओ
सरकार कहे है
चुप हो जाओ

17.

कंपाती ठंड
ठिठुरते गरीब
समां अजीब

18.

प्रकृति माँ है
पोषक जगत की
माँ प्रकृति है

19.

पलाश पुष्प
जंगल की ज्वाला है
वन की शोभा

20.

धुंध औ धुआँ
वन काट कहते
ये कैसे हुआ

21.

ये राजनीति
बिना नीति का राज
कैसी है रीति

22.

ताज कुचलो
सिंहासन तोड़ दो
कोई क्रांति हो

23.

बालक प्यारा
बूढ़े माता-पिता का
बने सहारा

24.

साहसी बेटी
अँधेरे में रोशनी
पिता की लाठी

25.

लड़ता जाता
तूफानों में भी दीया
टिमटिमाता

26.

नवीन वर्ष
वक़्त के गुलशन
खूब महको

Vinod Kumar Dave, Raj.

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