कार्यालय संवाददाता, मुरादाबाद : नवगीत के रस सभी को लुभाते हैं। गीतों के साथ अक्सर हम भी जुगलबंदी करने लगते हैं। आमतौर पर हमें पसंदीदा गीत नहीं मिल पाते। गीत-संग्रह की किताबें महंगी होने के कारण आम पाठक इस सुखद अनुभूति से वंचित रह जाते हैं तो कई बार पसंदीदा कवियों की किताबें नहीं मिल पाती। गीत प्रेमियों को परेशान होने की जरूरत नहीं। अब घर बैठे गीतों का आनंद ले सकेंगे। नेट पर साहित्यिक पत्रिकाएं तो कई हैं लेकिन गीत विधा की पत्रिकाएं न के बराबर हैं। गीतों को विश्व पटल पर स्थान दिलाने की तैयारी है। इस पुनीत कार्य को पूरा करने का बीड़ा मुरादाबाद के साहित्यकारों ने उठाया है। केवल गीत विधा की पत्रिका जल्द ही नेट पर आने वाली है। गीत पहल नाम की इस इंटरनेट पत्रिका का संपादन पूरा हो चुका है। कुछ तकनीकी काम बाकी है। वह भी जल्द ही पूरा कर लिया जाएगा। इसका विमोचन 24 अक्टूबर को कराया जाएगा। खास बात यह है कि इस इंटरनेट गीत पत्रिका में देश भर के नामचीन साहित्यकारों के अलावा क्षेत्रीय कवियों के गीत और नवगीत पढ़े जा सकेंगे। छंद को भूलती भावी पीढ़ी के लिए इसमें एक से बढ़कर छंद युक्त कविताओं को समाहित किया गया है। आम पाठकों के लिए भी छंद मुक्त कविताएं होंगी। गीत पहल के संपादक मंडल में शामिल अवनीश सिंह चौहान, आनंद गौरव, रमाकांत और योगेंद्र वर्मा व्योम आदि इसमें रंग भर रहे हैं। गीत पहल में कवियों के गीत, नवगीत के अलावा संस्मरण, साक्षात्कार, आलेख, मत-मतांतर और चित्रावली का समावेश किया गया है। 24 अक्टूबर को गीत-पहल के विमोचन की तैयारी है। संपादक मंडल के सदस्य योगेंद्र वर्मा व्योम ने बताया कि पत्रिका का विमोचन करने के लिए गीतकार बुद्धिनाथ मिश्र को आमंत्रित किया गया है।
दैनिक जागरण से साभार
संलग्न: फोटो (हिमगिरी कालोनी के शिव मंदिर सभागार में साहित्यिक इंटरनेट पत्रिका का लोकार्पण करते माहेश्वर तिवारी व् बुद्धिनाथ मिश्र , साथ में हैं डॉ महेश दिवाकर, आनंद कुमार 'गौरव', योगेन्द्र वर्मा 'व्योम' एवं अवनीश सिंह चौहान)
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