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सोमवार, 28 अक्तूबर 2013

वॉर नहीं एंटी वॉर फिल्म है - वॉर छोड़ ना यार



एक गुरू के लिए सबसे बड़ी गुरू दक्षिणा वह होती है जो शिष्य अपनी मेहनत के बल पर देता है और वही फराज़ हैदर ने दिया। आज मैं बहुत गर्व महसूस कर रहा हूं कि उसने फिल्म इंडस्ट्री में एक मजबूत कदम रखा है जो हमारे संस्थान के छात्रों के लिए प्रेरणा का काम करेगा- संदीप मारवाह ने फिल्म वॉर छोड़ ना यार की टीम का स्वागत करते हुए कहा। 

फिल्म वॉर छोड़ ना यार की पूरी टीम 'एशियन एकेडमी ऑफ़ फिल्म एंड टेलीविजन' (नोएडा, उत्तर प्रदेश) पंहुची जिसमें फिल्म के कलाकार शरमन जोशी, जावेद जाफरी सोहा अली, फिल्म के गीतकार हैदर बेबाक अमरोही के साथ इस फिल्म के निर्देशक फराज़ हैदर पंहुचे जो एशियन एकेडमी ऑफ़ फिल्म एंड टेलीविजन संस्थान के भूतपूर्व छात्र हैं। 

इस अवसर पर सोहा अली ने कहा कि मैं यहां आकर बहुत खुश हूं क्योंकि यहां पर मैं खुद को बहुत चार्ज महसूस कर रही हूं। फिल्म के बारे में उन्होंने कहा कि यह फिल्म वॉर कामेडी पर बेस्ड है और यूथ को ध्यान में रखकर बनाई गई है। यह पहली फिल्म है जो वॉर पर कामेडी दिखा रही है और युद्ध को मीडिया किस तरह आम आदमी के लिए पेश करता है और उसका क्या प्रभाव पड़ता है। 

फिल्म वार छोड़ न यार का पोस्टर
फिल्म- वॉर छोड़ न यार
डायरेक्टर- फराज हैदर
एक्टर- शरमन जोशी, सोहा अली खान, जावेद जाफरी, संजय मिश्रा, दिलीप ताहिल, मनोज पाहवा
ड्यूरेशन- 1 घंटा 59 मिनट
फ़िल्म में एक कर्नल खान हैं जिन्हे सस्ती मेंहदी बहुत पसंद है। जाहिर है उनकी दाढ़ी और बाल उसी से रँगे हुए होंगे। उनका अंग्रेजी में उच्चारण बहुत पुअर है। 'स्पीक टु मी' को बोलने पर लगता हैं कि 'सफीक टमीम' बोल रहे हैं। वह अपनी पाकिस्तानी सरकार से बहुत परेशान हैं। जब तब कहते रहते हैं कि यह सरकार खाने को दाल गोश्त देती है, मगर उसमें न दाल होती है, न गोश्त। उनका कैप्टन है कुरैशी, जिसे सीमा पार के जवानों से अंताक्षरी खेलने का शौक है। फ़िल्म में एक वजीर हैं, जो बस चीन से हथियार और अमेरिका से डॉलर चाहते हैं। एक जनरल भी है, जो लड़ाई के नाम पर बस वीडियो गेम में धांय धांय करता है। और भी बहुत कुछ है… जिसे फ़िल्म देखकर जान सकते हैं.
जावेद जाफरी ने फिल्म इंडस्ट्री के बारे में बताते हुए कहा कि हमारे देश के लोगों को दो चीजों से बहुत लगाव है एक मां और दूसरा सिनेमा और सिनेमा बहुत ही पॉवरफुल है अपनी बात लोगों तक पंहुचाने के लिए। यह फिल्म हमारे समाज को एक अच्छा संदेश देगी क्योंकि युद्ध किसी के लिए भी अच्छा नहीं है। 

शरमन जोशी ने फिल्म के बारे में कहा कि बहुत अलग सब्जेक्ट है फिल्म का इसलिए मैं खुद को रोक नहीं पाया इसमें अभिनय के लिए और उम्मीद करता हूं कि आप सभी लोगों को यह फिल्म पसंद आऐगी। 

फिल्म के निर्देशक फराज़ हैदर ने कहा- मैं इसी संस्थान का छात्र हूं और यह मेरी पहली फिल्म है जिसे मैने वॉर कामेडी के रूप में पेश किया है और यह एक एंटी वार फिल्म है, फिल्म में आपको कामेडी के बम मिलेगें।

अंत में संदीप मारवाह ने आए हुए सभी कलाकारों को अंतराष्ट्रीय फिल्म एंड टेलीविजन क्लब की आजीवन सदस्यता प्रदान की। और पधारे सभी अतिथियों का आभार व्यक्त किया।

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