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शनिवार, 28 दिसंबर 2013

साहित्य का जड़ों की ओर लौटना : रामपुर उत्सव


महाराजगंज : श्री चन्द्रिका शर्मा फूला देवी स्मृति सेवा ट्रस्ट, रामपुर बुजुर्ग, जनपद-महाराजगंज उ.प्र. द्वारा 26 और 27 अक्टूबर 2013 को प्रथम रामपुर उत्सव का सफलतापूर्वक आयोजन किया गया। शिक्षा, स्वास्थ्य और संस्कार के महत् उद्देश्यों को समर्पित इस दो दिवसीय आयोजन में अत्यंत उत्साह और उमंग के साथ ग्रामवासियों और प्रदेश के अन्य कई गणमान्य व्यक्तियों ने शिरकत की। हिन्दी प्रदेश में अपनी तरह का यह पहला आयोजन था जिसमें गाँव के बहुमुखी विकास के लिए पहल हुई, आवश्यक प्रयासों पर गम्भीरतापूर्वक विमर्श हुआ और ग्रामवासियों को सामाजिक-सांस्कृतिक माध्यमों द्वारा उनकी विधिवत जानकारी प्रदान की गई।

दरअसल, हिन्दी के सुपरिचित आलोचक डॉ. अमरनाथ, जो कलकत्ता विश्वविद्यालय में प्रोफेसर, ‘अपनी भाषा’ संस्था के अध्यक्ष तथा ‘भाषा विमर्श’ के संपादक हैं ने अपने माता-पिता के नाम पर यह ट्रस्ट बनाया है। उनका पैतृक गांव यहीं है। इस ट्रस्ट की ओर से यह पहला आयोजन था।


कार्यक्रम का उद्घाटन 26 अक्टूबर की शाम 8 बजे प्रतिष्ठित लेखक एवं किसान पी.जी.कॉलेज, सेवरही, कुशीनगर के पूर्व प्राचार्य डॉ.वेद प्रकाश पांडेय ने दीप प्रज्जवलित करके किया। उद्घाटन समारोह में डॉ. पांडेय के अतिरिक्त क्षेत्र की कई शिक्षण संस्थाओं के प्रबंधक डॉ.बलराम भट्ट, जवाहरलाल नेहरू पी.जी. कॉलेज के पूर्व प्राचार्य डॉ. घनश्याम पांडेय, प्रतिष्ठित सामाजिक कार्यकर्ता श्री विमल पांडेय और रामपुर बुजुर्ग गाँव के ग्राम-प्रधान श्री जयप्रकाश कन्नौजिया ने अपने विचार व्यक्त किए । इसके पूर्व अतिथियों को स्मृति चिन्ह भेट कर तथा माल्यार्पण द्वारा सम्मानित किया गया । प्रारंभ में अतिथियों का स्वागत करते हुए न्यास के प्रमुख डॉ.अमरनाथ ने न्यास के उद्येश्यों और इस उत्सव की प्रयोजनीयता के संदर्भ में विस्तार से अपनी बातें रखीं। उन्होंने बताया कि शिक्षा के क्षेत्र में गांव की प्रतिभाओं को सम्मानित करके उन्हें प्रोत्साहित करना, वालीबाल, कबड्डी और कुश्ती जैसे कम खर्चीले और स्वास्थ्य के लिए अत्यंत उपयोगी खेलों को पुनरुज्जीवित करना, गांव में निःशुल्क चिकित्सा शिविरों का आयोजन करना, लोक गीतों और लोक कलाओं को संरक्षित करना, हर प्रकार की नशा के विरुद्ध व्यापक जन जारगण अभियान चलाना, पशु पालन की उपयोगिता और उसके महत्व के प्रति जागरुकता विकसित करना, वैज्ञानिक ढंग की खेती के साथ भूमि संरक्षण और उसकी उर्वरा शक्ति बचाए रखने का समय-समय पर प्रशिक्षण देना तथा ‘गांव’ नामक पत्रिका के माध्यम से गाँव की दबी हुई रचनात्मक प्रतिभाओं को अवसर उपलब्ध कराना न्यास का उद्देश्य होगा। डॉ.बलराम भट्ट ने इस अवसर पर न्यास को बधाई दी और इसके द्वारा शुरू किए गए प्रयास की सराहना की। डॉ.घनश्याम पांडेय ने ऐसे आयोजनों के सामाजिक महत्व पर प्रकाश डालते हुए कहा कि ग्रामीण अंचल में इस तरह के आयोजन से न सिर्फ सरकारी प्रतिष्ठानों को और अधिक जागृत किया जा सकता है बल्कि उन्हें गाँवो के विकास के लिए और अधिक प्रेरित भी किया जा सकता है। उन्होंने यह भी रेखांकित किया कि ऐसे प्रयासों से ग्रामीण प्रतिभाओं को निखरने का मौका मिलेगा। श्री विमल पांडेय ने अपने वक्तव्य में कई ऐसे सुझाव दिए जिससे ग्रामीणों को आर्थिक और सामाजिक स्तर पर उन्नत जीवन की ओर उन्मुख किया जा सकता है। ग्राम-प्रधान श्री कन्नौजिया ने अपने वक्तव्य में कहा कि ग्राम-प्रधान के रूप में वे ऐसे आयोजनों को अत्यधिक आवश्यक मानते हैं और उनकी ओर से इस उत्सव के सफलतापूर्वक आयोजन में हर संभव सहायता मिलती रहेगी। अपने अध्यक्षीय वक्तव्य में डॉ.वेद प्रकाश पांडेय ने इस पहल की भूरि भूरि सराहना की, अनेक सुक्षाव दिए और कहा कि अपनी जमीन से जुड़ाव खत्म करके मनुष्य न तो अपने व्यक्तित्व का विकास कर सकता है न अपने समाज का। उन्होंने गाँव के युवाओं को संबोधित करते हुए उन्हें न्यास के प्रमुख डॉ.अमरनाथ की तरह राष्ट्रीय स्तर पर अपनी प्रतिभा को प्रदर्शित करने और साथ ही गाँव की मिट्टी के प्रति अपने दायित्व को निरन्तर याद रखने की सलाह दी।

इस अवसर पर न्यास की पत्रिका ‘गाँव’ के प्रवेशांक का भी विमोचन किया गया। यह पत्रिका गाँव की रचनात्मक प्रतिभाओं को अवसर देने, उन्हें निखारने और साथ ही गाँव की समस्याओं पर विचार करने और उनका समाधान प्रस्तुत करने के उद्देश्य से प्रति वर्ष प्रकाशित की जाएगी। इसके साथ ही न्यास द्वारा आयोजित प्रथम शिब्बनलाल सक्सेना वॉलीबॉल प्रतियोगिता में विजयी और द्वितीय स्थान पर रही टीम को पुरस्कृत किया गया। वहीं शिक्षा के क्षेत्र में बेहतरीन प्रदर्शन करने वाले विद्यार्थियों को भी सम्मानित किया गया। हाई स्कूल परीक्षा में गाँव में ही रहकर प्रथम श्रेणी के साथ सर्वाधिक अंक प्राप्त करने वाले छात्र अमरनाथ रौनियार को पं.चंद्रिका शर्मा स्मृति प्रतिभा सम्मान और छात्रा प्रियंका पटेल को श्रीमती फूला देवी स्मृति प्रतिभा सम्मान से सम्मानित किया गया। डॉ.बलराम भट्ट ने घोषणा की कि भविष्य में सोनपती देवी महिला महाविद्यालय में अध्ययन करने वाली रामपुर बुजुर्ग गाँव की किसी भी छात्रा से विश्वविद्यालय की फीस छोड़कर और कोई फीस नहीं ली जाएगी। उन्होंने बालीबाल प्रतियोगिता में विजयी टीमों को शील्ड और पुरस्कार की व्यवस्था भी अपनी ओर से की।

उद्घाटन एवं सम्मान समारोह के पश्चात् शास्त्रीय एवं लोकप्रिय संगीत की सुन्दर प्रस्तुति की गई। कई प्रतिष्ठित पुरस्कारों से सम्मानित चर्चित संगीतज्ञ श्री निराला मलिक मिश्र ने अपने सुन्दर गायन से ग्रामीणों का स्वस्थ मनोरंजन किया। सच्चे लोक कवि कबीर और नानक की कविता को उन्होंने स्वनिर्मित रागों में पिरोकर प्रस्तुत किया। मिश्र जी के पश्चात क्षेत्र के वरिष्ठ चिकित्सक और संगीत-साधक डॉ. ठाकुर भरत श्रीवास्तव ने सुन्दर गीतों और गजलों के माध्यम से समाँ को बाँधे रखा। पहले दिन के इस पूरे कार्यक्रम का संचालन असम विश्वविद्यालय के सहायक प्रोफेसर डॉ.शीतांशु ने किया।

कार्यक्रम के दूसरे दिन सुबह विशेषज्ञ डॉक्टरों द्वारा निःशुल्क चिकित्सा शिविर का आयोजन किया गया। चिकित्सा शिविर का शुभारंभ महाराजगंज जिले की जिलाधिकारी श्रीमती सौम्या अग्रवाल ने किया। अपने उद्घाटन वक्तव्य में श्रीमती अग्रवाल ने रेखांकित किया कि ऐसे आयोजनों से न सिर्फ गाँव के युवाओं की चेतना विकसित होगी बल्कि ग्रामीणों के जीवन-स्तर को और भी बेहतर बनाया जा सकेगा । उन्होंने कहा कि अक्सर लोग ऊँचे पदों पर पहुँचते ही अपनी पृष्ठभूमि को भुला देते हैं जो उचित नहीं है। उन्होंने प्रत्येक वर्ष ऐसे कार्यक्रम सम्पन्न करने की प्रतिश्रुति के लिए न्यास के सदस्यों तो शुभकामनाएँ दीं और कहा कि प्रशासनिक स्तर पर न्यास को हर संभव सहयोग दिया जाएगा। इस मौके पर जिले की वरिष्ठ स्त्री रोग विशेषज्ञ डॉ.रश्मि श्रीवास्तव ने भी ग्रामीणों को स्वास्थ्य संबंधी कई बहुमूल्य सुझाव दिए। डॉ.एस.के.वर्मा, डॉ.कुलदीप सिंह, डॉ.रश्मि श्रीवास्तव, डॉ.पी.के.श्रीवास्तव आदि विशेषज्ञ चिकित्सकों ने मरीजों का स्वास्थ्य परिक्षण किया। डेढ़ सौ से भी अधिक मरीजों ने इस निःशुल्क स्वास्थ्य शिविर का लाभ उठाया। इस चिकित्सा शिविर का संयोजन डॉ. एस. के. वर्मा ने किया।

कार्यक्रम के आखिरी सत्र में गोरखपुर फिल्म सोसायटी ने सामाजिक-सांस्कृतिक विषयों पर केंद्रित फिल्मों का प्रदर्शन किया। इस सत्र के संयोजक थे जन संस्कृति मंच के राष्ट्रीय सचिव श्री मनोज कुमार सिंह और मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित थे श्री सी.जे.थॉमस। अपने वक्तव्य में श्री थॉमस ने बहुत ही विस्तार से इस क्षेत्र के विकास के लिए प्रो. शिब्बनलाल सक्सेना द्वारा किए गए महान कार्यों से लोगों को परिचित कराया। इसके पश्चात् श्री मनोज कुमार सिंह ने प्रदर्शित होने वाली फिल्मों के बारे में ग्रामवासियों को जानकारी दी। ‘गाँव छोड़ब नाहीं’, ‘गाड़ी लोहरदगा मेल’ और ‘दाएँ या बाएँ’ जैसी महत्वपूर्ण सामाजिक फिल्मों के अतिरिक्त इस अवसर पर श्री सी.जे. थॉमस द्वारा निर्देशित प्रो. शिब्बन लाल सक्सेना पर केंद्रित एक डॉक्यूमेंट्री फिल्म का भी प्रदर्शन किया गया। इस सत्र का संचालन किये न्यास के सदस्य और दार्जिलिंग गवर्नमेंट कॉलेज के प्राध्यापक डॉ.हिमांशु कुमार ने।

अंत में काशी हिन्दू विश्वविद्यालय के भूगोल विभाग के प्रोफेसर और गांव पत्रिका के संयुक्त संपादक डॉ.विश्वम्भर नाथ शर्मा ने बहुत ही भावनात्मक शब्दों में आभार व्यक्त किया और कार्यक्रम को सफल बनाने के लिए सभी का धन्यवाद ज्ञापित करते हुए कार्यक्रम के समाप्ति की घोषणा की। उल्लेखनीय है कि गांव के ही नहीं, पड़ोस के गांवों से भी एक हजार से भी अधिक लोगों ने दोनो दिन अत्यंत उत्साह से भाग लिया और भविष्य के प्रति भी आश्वस्त किया


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