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बुधवार, 20 नवंबर 2019

बालकविता संग्रह ‘कहावतों की कविताएँ’ का हुआ लोकार्पण


कुरुक्षेत्र: 12 नवम्बर 2019: संस्कृति शिक्षा संस्थान, कुरुक्षेत्र (हरियाणा) द्वारा प्रकाशित डॉ वेद मित्र शुक्ल के बाल-कविता संग्रह ‘कहावतों की कविताएँ’ का लोकार्पण कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे महात्मा गांधी अंतरार्ष्ट्रीय हिन्दी विश्वविद्यालय, वर्धा के कुलपति प्रो. रजनीश शुक्ल एवं मुख्यातिथि प्रो. अवनीश कुमार, निदेशक, केंद्रीय हिंदी निदेशालय, व अध्यक्ष, वैज्ञानिक तथा तकनीकी शबदावली आयोग द्वारा किया गया। यह पुस्तक बच्चों की भाषा को लोक-आधार से समृद्ध करने के उद्देश्य से ‘संस्कृति भवन बाल साहित्य माला’ के अंतर्गत प्रकाशित की गई है। ज्ञात हो कि इस संस्थान से प्रकाशित यह श्री शुक्ल की दूसरी पुस्तक है। इससे पूर्व महात्मा गांधी जयंती के 150 वर्ष पूर्ण होने पर ‘बापू से सीखें’ का प्रकाशन हो चुका है।

इस दौरान शिक्षा एवं बाल-साहित्य से जुड़े देश भर के 12 विद्वानों को ‘संस्कृति भवन साहित्य-सेवा सम्मान’ से अलंकृत किया गया। ये लेखक हैं: दिलीप बेतकेकर (गोवा), डॉ ओरुगंटि सीताराम मूर्ति (विशाखापत्तनम), डॉ श्रीराम चौथाईवाले (पुणे), देवेन्द्रराव देशमुख (रायपुर), वासुदेव प्रजापति (जोधपुर), डॉ विकास दवे (इन्दौर), गोपाल माहेश्वरी (इन्दौर), डॉ नीलम राकेश (लखनऊ), डॉ फकीरचंद शुक्ल (लुधियाना), डॉ देवेन्द्रचन्द्र दास (गुहावटी), पदमा चोंगांवकर (भोपाल) एवं डॉ मंजरी शुक्ला (पानीपत)। विभिन्न महत्वपूर्ण विषयों पर इन  विद्वानों की भी पुस्तकों का विमोचन हुआ। कार्यक्रम का सफल संचालन संस्थान के सचिव अवनीश भटनागर द्वारा किया गया। इस अवसर पर विद्या भारती के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ ललित बिहारी गोस्वामी, निदेशक डॉ रामेन्द्र सिंह, अखिल भारतीय साहित्य परिषद के राष्ट्रीय अध्यक्ष देवेन्द्रचन्द्र दास सुदामा, स्थानीय विधायक सुभाष सुधा सहित अनेक लेखक व विद्वान उपस्थित रहे।

विद्या भारती संस्कृति शिक्षा संस्थान के निदेशक डॉ. रामेंद्र सिंह ने बताया कि भारतीय संस्कृति के प्रचार-प्रसार हेतु विद्या भारती संस्कृति शिक्षा संस्थान निरंतर प्रयासरत है, जिसके अंतर्गत संस्कारप्रद साहित्य का सृजन किया जाता है। भारतीय संस्कृति के प्रचार-प्रसार हेतु संस्थान द्वारा विभिन्न कार्यक्रमों तथा कार्यशालाओं का आयोजन भी किया जाता है।

Dr Ved Mitra Shukla. Dr Ramendra Singh. Vidya Bharti Sanskarti Shiksha Sansthan. Kurukeshetra

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